|| सींक बांधू, सींक बान
अर्जुन सांधे धनुष बान
बन में जाई अन्जनी
जूँ जन्मे हनुमन्त
बद कखयारी
झीनवा लिकाश सा
बेल बाहला
बिस्सी थनैला
कर्णमुल कर्णफूल
कण्ठे लिकाड़ा
मै न झाड़ू
झाडे निम् की डाल
तिन चीज़ मेरे
अक्कड़ मक्कड़ न्योल का पित्ता
एबिस तू गर मन गित्ता
इस बिसवा की लम्बी चोब
बिसवारा पौह्चा पताल
राजा बासक की आन
हनुमान जती की आन
भद्र काली की आन
भुमिया चामुण्डा की आन
नुना चमारी की आन ||
किसी शुभ दिन, महूर्त में हनुमान जी की पंचोपचार पूजन करके मन्त्र का 1008 जप करके सिद्ध करले | फिर आवश्कयता पड़ने पर निम् की डाली से झारे 11 या 21 बार मन्त्र पढकर | मन्त्र में वर्णित सभी रोग शांत होंगे |