अनेक रोग शांति मन्त्र


|| सींक बांधू, सींक बान
अर्जुन सांधे धनुष बान
बन में जाई अन्जनी
जूँ जन्मे हनुमन्त
अटठोरी कटठोरी
बद कखयारी
झीनवा लिकाश सा
बेल बाहला
बिस्सी थनैला
कर्णमुल कर्णफूल
कण्ठे लिकाड़ा
मै न झाड़ू
झाडे निम् की डाल
तिन चीज़ मेरे
अक्कड़ मक्कड़ न्योल का पित्ता
एबिस तू गर मन गित्ता
इस बिसवा की लम्बी चोब
बिसवारा पौह्चा पताल
राजा बासक की आन
हनुमान जती की आन
भद्र काली की आन
भुमिया चामुण्डा की आन
नुना चमारी की आन  ||

किसी शुभ दिन, महूर्त में हनुमान जी की पंचोपचार पूजन करके मन्त्र का 1008 जप करके सिद्ध करले | फिर आवश्कयता पड़ने पर निम् की डाली से झारे  11 या 21 बार मन्त्र पढकर | मन्त्र में वर्णित सभी रोग शांत होंगे |

कमर दर्द निवारण मन्त्र



|| चलता आवे उछलता जाय
भस्म करता उह उह जाय
सिद्ध गुरु की आन
मन्त्र सांचा
फुरो मन्त्र
इश्वरो वाचा ||

विधि:- 1008 बार मन्त्र का जप करके सिद्ध करे|

कंवारी कन्या के द्वारा शुक्ल-पक्ष में काता गया सूत लेकर 101 अभिमंत्रित करके रोगी की कमर में बांधे | कमर दर्द दूर होगा |

पानी से वशीकरण शाबर मंत्र





जल द्वारा वशीकरण



|| लाइलाह इल्लिलाह
धरती से आसमान तक
लाइलाह इल्लिलाह
अर्श से कुर्सी तक
लाइलाह इल्लिलाह
लोह से कलम तक
लाइलाह इल्लिलाह
मुहम्मद रसूलिल्लाह
अमुकी के बेटे/बेटी अमुक को
मेरे वश मे कर ||

प्रयोग करने से पहले मन्त्र का पर्व रात्रि में 10000 बार मन्त्र जप करके सिद्ध करे  फिर जिसे वश में करना है उसकी माँ के नाम के साथ उसका नाम जोड़ कर मन्त्र को 31 बार उच्चारित करे साफ़ पानी के उपर और वो पानी साध्य स्त्री/पुरुष को किसी भी तरह से पिला दे पिने वाला वश में रहेगा |
पुरुष या स्त्री का वशीकरण के लिए माँ का नाम पहले लेना है |



कमर दर्द निवारण मन्त्र

कमर दर्द निवारण मन्त्र

|| चलता आवे उछलता जाय
भस्म करता उह उह जाय
सिद्ध गुरु की आन
मन्त्र सांचा
फुरो मन्त्र
इश्वरो वाचा ||

विधि:- 1008 बार मन्त्र का जप करके सिद्ध करे|

कंवारी कन्या के द्वारा शुक्ल-पक्ष में काता गया सूत लेकर 101 अभिमंत्रित करके रोगी की कमर में बांधे | कमर दर्द दूर होगा |

सर्व-रोग नाशक महाशक्तिशाली मन्त्र

सर्व-रोग नाशक महाशक्तिशाली मन्त्र

अच्युतानन्त गोविन्द,
नामोच्चारण भेषजात |
नश्यन्ति सकलाः रोगाः,
सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ||
सबसे पहले तो इस मन्त्र को अश्विन मास में धन्वन्तरी-त्रयोदशी के दिन स्नान करके शुद्ध कुश के आसन पर बैठकर गाय के घी का दीपक जलाकर इस मन्त्र का एक लाख अट्ठाईस हजार जप करके सिद्ध कर ले | यदि इतना जप एक दिन में सम्भव न हो सके तो लगातार 3, 7, 9 दिन में जप पूरा करके मन्त्र सिद्ध करे |
फिर जब कभी प्रयोग करना हो तब रोगी का हाथ अपने हाथ में लेकर संकल्प सहित मन्त्र को जप करे | 1 घंटे के भीतर ही रोगी को राहत मिलना शुरू हो जाएगी और रोगी को एक अलग ही शक्ति का अहसाह होने लगेगा | फिरि इसी मन्त्र से दूध, पानी, भस्म, औषधि आदि दे रोगी पूरी तरह ठीक हो जायेगा |


यदि मन्त्र को सिद्ध भी नही किया गया हो तो भी इसका प्रयोग किया जा सकता है और परिणाम भी उचित ही आयेंगे | स्नान आदि करके परोपकार की भावना से प्रयोग करे | सफलता जरुर मिलेगी |

अनेक रोग शांति मन्त्र

अनेक रोग शांति मन्त्र
|| सींक बांधू, सींक बान
अर्जुन सांधे धनुष बान
बन में जाई अन्जनी
जूँ जन्मे हनुमन्त
अटठोरी कटठोरी
बद कखयारी
झीनवा लिकाश सा
बेल बाहला
बिस्सी थनैला
कर्णमुल कर्णफूल
कण्ठे लिकाड़ा
मै न झाड़ू
झाडे निम् की डाल
तिन चीज़ मेरे
अक्कड़ मक्कड़ न्योल का पित्ता
एबिस तू गर मन गित्ता
इस बिसवा की लम्बी चोब
बिसवारा पौह्चा पताल
राजा बासक की आन
हनुमान जती की आन
भद्र काली की आन
भुमिया चामुण्डा की आन
नुना चमारी की आन  ||
किसी शुभ दिन, महूर्त में हनुमान जी की पंचोपचार पूजन करके मन्त्र का 1008 जप करके सिद्ध करले | फिर आवश्कयता पड़ने पर निम् की डाली से झारे  11 या 21 बार मन्त्र पढकर | मन्त्र में वर्णित सभी रोग शांत होंगे |


रोग निवारण (दवाई का ना लगने पर)

रोग निवारण (दवाई का ना लगने पर)
यदि किसी भी रोग (शारीरिक) का दवाई द्वारा इलाज़ न हो पा रहा हो या दवाई रोगी को आराम न दे पा रही हो तो एसे में इसी मन्त्र का प्रयोग करे| रोगी की दवाइयों को इसी मन्त्र से अभिमंत्रित करके (11, 21 बार) सेवन के लिय दे तो रोगी ठीक होगा |
|| ॐ नमो महा-विनायकाय
अमृतं रक्ष रक्ष,
मम फल-सिद्धि देहि,

रूद्र वचनेन स्वाहा ||

स्त्रीयों के रोगों को दूर करना

स्त्रीयों के रोगों को दूर करना

|| ॐ नमो आदेश गुरु को
हनुमान हठीले
लोहे की लाट
बज्र का खीला
भूत को बांध
प्रेत को बांध
मैली कुचमैली
कुँख मैली
रक्त मैली
ऐसी चौदा मैली
पकड़ चोटी न निकाले
तो अंजनी का दूध
हराम करे
महादेव की जटा
में आग लगे
ब्रह्मा के वचन से
राम चन्द्र के वचन से
मेरे वचन से
मेरे राजगुरु के वचन से
इसी वक्त भाग जा
मेरी भक्ति
गुरु की शक्ति
फुरो मन्त्र
इश्वरो वाचा
देखू हनुमंत
तेरे इल्म का तमाशा ||


विधि- इस मन्त्र का प्रयोग करने से पहले इस मन्त्र की रोज 1 माला 21 दिन तक जाप हनुमान मन्दिर या किसी एकांत स्थान पर करके सिद्ध कर ले और अगर संभव हो तो किसी विशेष दिन जैसे होली दिवाली दशहरा ग्रहण आदि जैसे शुभ समय में जाप करे या फिर किसी भी शनिवार या मंगलवार को इसका जाप शुरू करके इस मन्त्र को 21 दिन में सिद्ध कर सकते हैं | फिर जब भी प्रयोग करना हो तो तब 21 बार मन्त्र पढ़ते हुए लोहे की वस्तु (चाकू, कील, चाबुक आदि) से झाडा दे महिलाओ को होने वाली समस्त परेशानिया, रोग-दोष ठीक हो जायेगा | 

आधा शीशी दर्द निवारण शाबर मंत्र

आधा शीशी दर्द निवारण शाबर मंत्र

                 || बन में ब्याई अंजनी
                 कच्चे बन फल खाये
                 हांक मारी हनुमन्त ने
                 इस पिण्ड से
                 आधा सीसी उतर जाय ||

विधि - इस मन्त्र का प्रयोग करने से पहले इस मन्त्र की 11 माला जाप हनुमान मन्दिर या किसी एकांत स्थान पर करके सिद्ध कर ले और अगर संभव हो तो किसी विशेष दिन जैसे होली दिवाली दशहरा ग्रहण आदि जैसे शुभ समय में जाप करे या फिर किसी भी शनिवार या मंगलवार को इसका जाप करके इस मन्त्र को सिद्ध कर सकते हैं | फिर जब भी प्रयोग करना हो तो तब 11 या 21 बार मन्त्र पढ़ते हुए लोहे की उपले की राख़ या हवन की भभूती से झाडा दे आधा शीशी का दर्द ठीक हो जायेगा | या फिर जब भी किसी के सिर में दर्द हो चाहे वह साधारण हो या आधा सीसी का दर्द हो, मन्त्र को 7, 11, 21 बार पढ़ते हुए सिर (ललाट) पर हाथ फेरे, दर्द ठीक हो जायेगा | 

बाय पीड़ा (वायु गोला) निवारण मन्त्र 2

बाय पीड़ा (वायु गोला) निवारण मन्त्र 2

|| ॐ नमो आदेश
गुरु को आदेश
उतड़ भड तेल करे
दीये बाती तेल बरे
गलत सलत
तू बायी रोग
निनाई रहै
तो यति हनुमन्त
की दुहाई फिरै
शब्द सांचा पिण्ड काचा
फुरो मन्त्र इश्वरोवाचा ||


विधि- इस मन्त्र का प्रयोग करने से पहले इस मन्त्र की 11 माला जाप हनुमान मन्दिर या किसी एकांत स्थान पर करके सिद्ध कर ले और अगर संभव हो तो किसी विशेष दिन जैसे होली दिवाली दशहरा ग्रहण आदि जैसे शुभ समय में जाप करे या फिर किसी भी शनिवार या मंगलवार को इसका जाप करके इस मन्त्र को सिद्ध कर सकते हैं | फिर जब भी प्रयोग करना हो तो तब 21 बार मन्त्र पढ़ते हुए लोहे की वस्तु (चाकू, कील, चाबुक आदि) से या फिर राख़ (चूल्हे की या किसी हवन की) से झाडा दे वायु गोला का रोगी ठीक हो जायेगा | 

दांत दर्द निवारण मन्त्र

दांत दर्द निवारण मन्त्र 

 || ॐ नमो आदेश
गुरु जी का
बन में ब्याई अंजनी
जिन जाया हनुमन्त
कीड़ा मकुड़ा माकडा
ये तीनो भास्मन्त
गुरु की शक्ति
मेरी भक्ति
फुरो मन्त्र इश्वरोवाचा ||


विधि- इस मन्त्र का प्रयोग करने से पहले इस मन्त्र की 11 माला जाप हनुमान मन्दिर या किसी एकांत स्थान पर करके सिद्ध कर ले और अगर संभव हो तो किसी विशेष दिन जैसे होली दिवाली दशहरा ग्रहण आदि जैसे शुभ समय में जाप करे या फिर किसी भी शनिवार या मंगलवार को इसका जाप करके इस मन्त्र को सिद्ध कर सकते हैं | फिर नीम की छोटी सी डाली लेकर दांत दर्द के रोगी के दर्द वाले दन्त पर वो लकड़ी छूआते हुए 21 झाडा करे कुछ ही देर बाद दन्त पीड़ा दूर हो जाएगी |

बाय पीड़ा (वायु गोला) निवारण मन्त्र-1

बाय पीड़ा (वायु गोला) निवारण मन्त्र-1 

 || ॐ नमो आदेश
गुरु को आदेश
पर्वत ऊपर बाइल काग
कै अंडे कै बच्चे
सात अंडा सात बहिन
कोण कोण बहिन
दांत चमोकनी
मुंह चमोकनी
आँख चमोकनी
पैर चमोकनी
हाथ चमोकनी
बाय बाय री हरहुल्ला
आवेगा हनुमान बाबा
मारेगा लौहे का सोटा
भाग भाग रे बहन चोद बाय
सात समुन्दर पार हुई जाय
गुरु की शक्ति
मेरी भक्ति
फुरो मन्त्र इश्वरोवाचा ||

विधि- इस मन्त्र का प्रयोग करने से पहले इस मन्त्र की 11 माला जाप हनुमान मन्दिर या किसी एकांत स्थान पर करके सिद्ध कर ले और अगर संभव हो तो किसी विशेष दिन जैसे होली दिवाली दशहरा ग्रहण आदि जैसे शुभ समय में जाप करे या फिर किसी भी शनिवार या मंगलवार को इसका जाप करके इस मन्त्र को सिद्ध कर सकते हैं | फिर जब भी प्रयोग करना हो तो तब 21 बार मन्त्र पढ़ते हुए लोहे की वस्तु (चाकू, कील, चाबुक आदि) से झाडा दे वायु गोला का रोगी ठीक हो जायेगा |


नज़र दोष निवारण 3

नज़र दोष निवारण

 || ॐ नमो आदेश
तू ज्या नावे
भूत पले
प्रेत पले
खबीस पले
अरिष्ट पले- सब पले
न पले
तेरे गुरु की
गोरखनाथ की
विध्या याहीं चले
गुरु की शक्ति
मेरी भगत
चले मन्त्र, ईश्वरो वाचा||


विधि- उक्त मन्त्र से सात बार ‘राख’ (चूल्हे की या किसी भी हवन की)  अभिमन्त्रित कर उससे रोगी के कपाल (माथा) पर टिका लगा दें। नजर उतर जायेगी। इस मन्त्र का प्रयोग करने से पहले इस मन्त्र की 11 माला जाप किसी मन्दिर या किसी एकांत स्थान पर अथवा अपने घर पर एकांत में जाप करके सिद्ध कर ले और अगर संभव हो तो किसी विशेष दिन जैसे होली दिवाली दशहरा ग्रहण आदि जैसे शुभ समय में जाप करे या फिर किसी भी शनिवार या मंगलवार को इसका जाप करके इस मन्त्र को सिद्ध कर सकते हैं |