Elegant Shwetark Ganpati/Ganesh Root Significant & Uses | श्वेतार्क गणपति का महत्व और प्रयोग‬‬‬‬‬‬

श्वेतार्क गणपति का महत्व और प्रयोग‬‬‬‬‬‬

हिन्दू धर्म में गजानन की पूजा का विशेष महत्व है। हर शुभ कार्य में गणपति को ही सबसे पहले अर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक श्रीगणेश प्रथम पूज्य देव कहलाते है। यहां तक कि पौराणिक कथाओं में देवता भी किसी शुभ कार्य के लिए सबसे पहले गणेश पूजन ही करते हैं। पुराणों के मुताबिक गणेश की अग्रपूजा का विधान है।

Shavetark Ganpati Importance and Uses | श्वेतार्क गणपति का महत्व और प्रयोग‬‬‬‬‬‬


श्वेतार्क की गणेश प्रतिमा जिनकी रोज पूजा करने से आपका घर धन धान्य से परिपूर्ण होगा। शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है "जहां कहीं भी यह पौधा अपने आप उग आता है उसके आस-पास पुराना धन गड़ा होता है"जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रहेगी वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी-इस प्रकार मदार का यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा,रक्षक एवं समृद्धिदाता भी है-


गणपति की मूर्तियों में सबसे अधिक महत्व श्वेतार्क की गणेश प्रतिमा का है। सफेद की आक की जड़ से आप ये मूर्ति प्राप्त कर सकते हैं। कई बार जड़ की बनावट हूबहू गणेशजी की प्रतिमा से मेल खाती है। वैसे सावधानी पूर्वक जड़ निकालने के बाद इसे आप बढ़ई के पास ले जाकर गणेश की पूर्ण आकृति बनवा सकते हैं।


श्वेतार्क की जड़ निकालने का भी विधान है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक श्वेतार्क की जड़ रवि पुष्य योग में ही निकालें। रवि पुष्य योग की पूर्व संध्या पर श्वेतार्क वृक्ष को दीप दिखाकर विधिवत पूजा करें और उनके घर आगमन के लिए आवाहन करें। इसके बाद रवि पुष्य योग में ही जड़ों की खुदाई करें। सबसे पहले चांदी के किसी नुकीली चीज से जड़ खोदें। फिर फावड़ा या सुविधानुसार लोहे के औजारों की इस्तेमाल कर सकते हैं।

सफेद मदार की जड़ में गणेशजी का वास होता है कभी-कभी इसकी जड़ गणशेजी की आकृति ले लेती है इसलिए सफेद मदार की जड़ कहीं से भी प्राप्त करें और उसकी श्रीगणेश की प्रतिमा बनवा लें-उस पर लाल सिंदूर का लेप करके उसे लाल वस्त्र पर स्थापित करें-यदि जड़ गणेशाकार नहीं है तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई जा सकती है शास्त्रों में मदार की जड़ की स्तुति इस मंत्र से करने का विघान है-


           चतुर्भुज रक्ततनुंत्रिनेत्रं पाशाकुशौ मोदरक पात्र दन्तो।


           करैर्दधयानं सरसीरूहस्थं गणाधिनाभंराशि चूडामीडे।।


जब सावधानी पूर्वक जड़ निकल आए तो तत्काल बाद इसका दूध से अभिषेक करें। फिर कुछ हफ्तों तक धूप में इसे सूखने के लिए रख देँ। बाद में काट छांटकर इसे गणपति की आकृति का रूप दें। इसके बाद श्वेतार्क मूर्ति पर घी का लेप करें। फिर इसकी प्राण प्रतिष्ठा कर घर में स्थापित कर देँ।


खास बात ये कि श्वेतार्क की नियमित और विधिवत पूजा होनी चाहिए। श्वेतार्क मूर्ति अगर आप घर में स्थापित कर रहे हैं। तो ध्यान रखें कि अगर आप कहीं बाहर जा रहे हों तो इनकी पूजा का विधिवत इंतजाम करके जाएं।

गणेशोपासना में साधक लाल वस्त्र, लाल आसान, लाल पुष्प, लाल चंदन, मूंगा अथवा रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करें-नेवैद्य में गुड़ व मूंग के लड्डू अर्पित करें- "ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्" मंत्र का जप करें- श्रद्धा और भावना से की गई श्वेतार्क की पूजा का प्रभाव थोड़े बहुत समय बाद आप स्वयं प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने लगेंगे-


श्वेतार्क गणपति एक बहुत प्रभावी मूर्ति होती है जिसकी आराधना साधना से सर्व-मनोकामना सिद्धि-अर्थ लाभ,कर्ज मुक्ति,सुख-शान्ति प्राप्ति ,आकर्षण प्रयोग,वैवाहिक बाधाओं,उपरी बाधाओं का शमन ,वशीकरण ,शत्रु पर विजय प्राप्त होती है-यद्यपि यह तांत्रिक पूजा है यदि श्वेतार्क की स्वयमेव मूर्ति मिल जाए तो अति उत्तम है अन्यथा रवि-पुष्य योग में पूर्ण विधि-विधान से श्वेतार्क को आमंत्रित कर रविवार को घर लाकर तथा गणपति की मूर्ति बना विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर अथवा प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति किसी साधक से प्राप्त कर साधना/उपासना की जाए तो उपर्युक्त लाभ शीघ्र प्राप्त होते है यह एक तीब्र प्रभावी प्रयोग है श्वेतार्क गणपति साधना भिन्न प्रकार से भिन्न उद्देश्यों के लिए की जा सकती है तथा इसमें मंत्र भी भिन्न प्रयोग किये जाते है-


श्वेतार्क गणपति के विभिन्न प्रयोग-


सर्वमनोकामना की पूर्ति हेतु श्वेतार्क गणपति का पूजन बुधवार के दिन प्राराम्भ करे तथा पीले रंग के आसन पर पीली धोती पहनकर पूर्व दिशा की और मुह्कर बैठे-एक हजार मंत्र प्रतिदिन के हिसाब से 21 दिन में 21 हजार मंत्र जप मंत्र सिद्ध चैतन्य मूंगे की माला से करे और पूजन में लाल चन्दन ,कनेर के पुष्प ,केशर,गुड ,अगरबत्ती ,शुद्ध घृत के दीपक का प्रयोग करे-


मन्त्र-   


                        "ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्"


1- घर में विवाह कार्य ,सुख-शान्ति के लिए श्वेतार्क गणपति प्रयोग बुधवार को लाल वस्त्र ,लाल आसन का प्रयोग करके प्रारम्भ करे ,इक्यावन दिन में इक्यावन हजार जप मंत्र का करे ,मुह पूर्व हो ,माला मूगे की हो,साधना समाप्ति पर कुवारी कन्या को भोजन कराकर वस्त्रादि भेट करे|


2- आकर्षण प्रयोग हेतु रात्री के समय पश्चिम दिशा को,लाल वस्त्र- आसन के साथ हकीक माला से शनिवार के दिन से प्रारंभ कर पांच दिन में पांच हजार जप मंत्र का करे -पूजा में तेल का दीपक ,लाल फूल,गुड आदि का प्रयोग करे -उपरोक्त प्रयोग किसी के भी आकर्षण हेतु किया जा सकता है|


3- सर्व स्त्री आकर्षण हेतु श्वेतार्क गणपति प्रयोग,पूर्व मुख ,पीले आसन पर पीला वस्त्र पहनकर किया जाता है तथा पूजन में लाल चन्दन ,कनेर के पुष्प ,अगरबत्ती,शुद्ध घृत का दीपक का प्रयोग होता है तथा मूगे की माला से इक्यावन दिन में इक्यावन हजार जप मंत्र का किया जाता है जिसे बुधवार से प्रारंभ किया जाता है|


4- स्थायी रूप से विदेश में प्रवास करके विवाह करने अथवा अविवाहित कन्या का प्रवासी भारतीय से विवाह करके विदेश में बसने हेतु अथवा विदेश जाने में आ रही रूकावटो को दूर करने हेतु श्वेतार्क गणपति का प्रयोग शुक्ल पक्ष के बुधवार से प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में प्रारम्भ करे-पूर्व दिशा की और लाल ऊनी कम्बल ,पीली धोती के प्रयोग के साथ मंत्र सिद्ध चैतन्य मूंगे की माला से 21 दिन में सवा लाख जप मंत्र का करे तथा पूजन में लाल कनेर पुष्प ,घी का दीपक ,अगरबत्ती ,केशर ,बेसन के लड्डू ,लाल वस्त्र ,लकड़ी की चौकी ,का प्रयोग करे तथा बाइसवे दिन हवंन कर पांच कुवारी कन्याओं को भोजन कराकर वस्त्र-दक्षिणा दे विदा करे इसके उपरान्त मूगे की माला आप अपने गले में धारण करे |


5- कर्ज मुक्ति हेतु श्वेतार्क गणपति का प्रयोग बुधवार को लाल वस्त्रादि-वस्तुओ के साथ शुरू करे और 21 दिन में सवा लाख जप मंत्र का करे मूंगे अथवा रुद्राक्ष अथवा स्फटिक की मंत्र सिद्ध चैतन्य माला से करे साधना के बाद माला अपने गले में धारण करे तथा पूजन में लाल वस्तुओ का प्रयोग करे और दीपक घी का जलाए|


6- श्वेतार्क गणपति की साधना में एक बात ध्यान देने की है की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मूर्ति चैतन्य हो जाती है और उसे हर हाल में प्रतिदिन पूजा देनी होती है साधना समाप्ति पर यदि रोज पूजा देते रहेगे तो चतुर्दिक विकास होता है यदि किसी कारण से आप पूजा न दे सके या कोई भी सदस्य घर का पूजा न कर सके तो मूर्ति का विसर्जन कर दे|


उपरोक्त प्रयोगों में मंत्र भिन्न-भिन्न प्रयोग होते है-जिन्हें न देने का कारण सिर्फ इनके दुरुपयोग से इनको बचाना है-यह प्रयोग तंत्र के अंतर्गत आते है अतः सावधानी आवश्यक है इसलिए मन्त्र यहाँ नहीं लिखे गए है क्युकि तंत्र के मन्त्र अचूक होते है और आज वैमनस्य के कारण लोग हित की जगह दूसरों का अहित कर देते है सिर्फ जो पात्रता के योग्य होते है ये मन्त्र गुरु की देखरेख में ही शिष्य को दिया जाता है-वैसे सभी मन्त्र शंकर भगवान् द्वारा कीलित अवस्था में है जिनका उत्कीलन गुरु द्वारा शिष्य से करवा कर मन्त्र को प्रभावी बनाया जाता है पुस्तक में दिए गए मन्त्र चैतन्य अवस्था में नहीं होते है इसलिए उसका कोई प्रभाव नहीं होता है जबकि मन्त्र शक्ति आज भी पूर्वकाल की तरह ही गुण सम्पन्न है|


Shavetark Ganpati Importance and Uses | श्वेतार्क गणपति का महत्व और प्रयोग‬‬‬‬‬‬

 श्वेतार्क गणपति का महत्व और प्रयोग‬‬‬‬‬‬

हिन्दू धर्म में गजानन की पूजा का विशेष महत्व है। हर शुभ कार्य में गणपति को ही सबसे पहले अर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक श्रीगणेश प्रथम पूज्य देव कहलाते है। यहां तक कि पौराणिक कथाओं में देवता भी किसी शुभ कार्य के लिए सबसे पहले गणेश पूजन ही करते हैं। पुराणों के मुताबिक गणेश की अग्रपूजा का विधान है।

Shavetark Ganpati Importance and Uses | श्वेतार्क गणपति का महत्व और प्रयोग‬‬‬‬‬‬


श्वेतार्क की गणेश प्रतिमा जिनकी रोज पूजा करने से आपका घर धन धान्य से परिपूर्ण होगा। शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है "जहां कहीं भी यह पौधा अपने आप उग आता है उसके आस-पास पुराना धन गड़ा होता है"जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रहेगी वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी-इस प्रकार मदार का यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा,रक्षक एवं समृद्धिदाता भी है-


गणपति की मूर्तियों में सबसे अधिक महत्व श्वेतार्क की गणेश प्रतिमा का है। सफेद की आक की जड़ से आप ये मूर्ति प्राप्त कर सकते हैं। कई बार जड़ की बनावट हूबहू गणेशजी की प्रतिमा से मेल खाती है। वैसे सावधानी पूर्वक जड़ निकालने के बाद इसे आप बढ़ई के पास ले जाकर गणेश की पूर्ण आकृति बनवा सकते हैं।


श्वेतार्क की जड़ निकालने का भी विधान है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक श्वेतार्क की जड़ रवि पुष्य योग में ही निकालें। रवि पुष्य योग की पूर्व संध्या पर श्वेतार्क वृक्ष को दीप दिखाकर विधिवत पूजा करें और उनके घर आगमन के लिए आवाहन करें। इसके बाद रवि पुष्य योग में ही जड़ों की खुदाई करें। सबसे पहले चांदी के किसी नुकीली चीज से जड़ खोदें। फिर फावड़ा या सुविधानुसार लोहे के औजारों की इस्तेमाल कर सकते हैं।

सफेद मदार की जड़ में गणेशजी का वास होता है कभी-कभी इसकी जड़ गणशेजी की आकृति ले लेती है इसलिए सफेद मदार की जड़ कहीं से भी प्राप्त करें और उसकी श्रीगणेश की प्रतिमा बनवा लें-उस पर लाल सिंदूर का लेप करके उसे लाल वस्त्र पर स्थापित करें-यदि जड़ गणेशाकार नहीं है तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई जा सकती है शास्त्रों में मदार की जड़ की स्तुति इस मंत्र से करने का विघान है-


           चतुर्भुज रक्ततनुंत्रिनेत्रं पाशाकुशौ मोदरक पात्र दन्तो।


           करैर्दधयानं सरसीरूहस्थं गणाधिनाभंराशि चूडामीडे।।


जब सावधानी पूर्वक जड़ निकल आए तो तत्काल बाद इसका दूध से अभिषेक करें। फिर कुछ हफ्तों तक धूप में इसे सूखने के लिए रख देँ। बाद में काट छांटकर इसे गणपति की आकृति का रूप दें। इसके बाद श्वेतार्क मूर्ति पर घी का लेप करें। फिर इसकी प्राण प्रतिष्ठा कर घर में स्थापित कर देँ।


खास बात ये कि श्वेतार्क की नियमित और विधिवत पूजा होनी चाहिए। श्वेतार्क मूर्ति अगर आप घर में स्थापित कर रहे हैं। तो ध्यान रखें कि अगर आप कहीं बाहर जा रहे हों तो इनकी पूजा का विधिवत इंतजाम करके जाएं।

गणेशोपासना में साधक लाल वस्त्र, लाल आसान, लाल पुष्प, लाल चंदन, मूंगा अथवा रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करें-नेवैद्य में गुड़ व मूंग के लड्डू अर्पित करें- "ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्" मंत्र का जप करें- श्रद्धा और भावना से की गई श्वेतार्क की पूजा का प्रभाव थोड़े बहुत समय बाद आप स्वयं प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने लगेंगे-


श्वेतार्क गणपति एक बहुत प्रभावी मूर्ति होती है जिसकी आराधना साधना से सर्व-मनोकामना सिद्धि-अर्थ लाभ,कर्ज मुक्ति,सुख-शान्ति प्राप्ति ,आकर्षण प्रयोग,वैवाहिक बाधाओं,उपरी बाधाओं का शमन ,वशीकरण ,शत्रु पर विजय प्राप्त होती है-यद्यपि यह तांत्रिक पूजा है यदि श्वेतार्क की स्वयमेव मूर्ति मिल जाए तो अति उत्तम है अन्यथा रवि-पुष्य योग में पूर्ण विधि-विधान से श्वेतार्क को आमंत्रित कर रविवार को घर लाकर तथा गणपति की मूर्ति बना विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर अथवा प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति किसी साधक से प्राप्त कर साधना/उपासना की जाए तो उपर्युक्त लाभ शीघ्र प्राप्त होते है यह एक तीब्र प्रभावी प्रयोग है श्वेतार्क गणपति साधना भिन्न प्रकार से भिन्न उद्देश्यों के लिए की जा सकती है तथा इसमें मंत्र भी भिन्न प्रयोग किये जाते है-


श्वेतार्क गणपति के विभिन्न प्रयोग-


सर्वमनोकामना की पूर्ति हेतु श्वेतार्क गणपति का पूजन बुधवार के दिन प्राराम्भ करे तथा पीले रंग के आसन पर पीली धोती पहनकर पूर्व दिशा की और मुह्कर बैठे-एक हजार मंत्र प्रतिदिन के हिसाब से 21 दिन में 21 हजार मंत्र जप मंत्र सिद्ध चैतन्य मूंगे की माला से करे और पूजन में लाल चन्दन ,कनेर के पुष्प ,केशर,गुड ,अगरबत्ती ,शुद्ध घृत के दीपक का प्रयोग करे-


मन्त्र-   


                        "ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्"


1- घर में विवाह कार्य ,सुख-शान्ति के लिए श्वेतार्क गणपति प्रयोग बुधवार को लाल वस्त्र ,लाल आसन का प्रयोग करके प्रारम्भ करे ,इक्यावन दिन में इक्यावन हजार जप मंत्र का करे ,मुह पूर्व हो ,माला मूगे की हो,साधना समाप्ति पर कुवारी कन्या को भोजन कराकर वस्त्रादि भेट करे|


2- आकर्षण प्रयोग हेतु रात्री के समय पश्चिम दिशा को,लाल वस्त्र- आसन के साथ हकीक माला से शनिवार के दिन से प्रारंभ कर पांच दिन में पांच हजार जप मंत्र का करे -पूजा में तेल का दीपक ,लाल फूल,गुड आदि का प्रयोग करे -उपरोक्त प्रयोग किसी के भी आकर्षण हेतु किया जा सकता है|


3- सर्व स्त्री आकर्षण हेतु श्वेतार्क गणपति प्रयोग,पूर्व मुख ,पीले आसन पर पीला वस्त्र पहनकर किया जाता है तथा पूजन में लाल चन्दन ,कनेर के पुष्प ,अगरबत्ती,शुद्ध घृत का दीपक का प्रयोग होता है तथा मूगे की माला से इक्यावन दिन में इक्यावन हजार जप मंत्र का किया जाता है जिसे बुधवार से प्रारंभ किया जाता है|


4- स्थायी रूप से विदेश में प्रवास करके विवाह करने अथवा अविवाहित कन्या का प्रवासी भारतीय से विवाह करके विदेश में बसने हेतु अथवा विदेश जाने में आ रही रूकावटो को दूर करने हेतु श्वेतार्क गणपति का प्रयोग शुक्ल पक्ष के बुधवार से प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में प्रारम्भ करे-पूर्व दिशा की और लाल ऊनी कम्बल ,पीली धोती के प्रयोग के साथ मंत्र सिद्ध चैतन्य मूंगे की माला से 21 दिन में सवा लाख जप मंत्र का करे तथा पूजन में लाल कनेर पुष्प ,घी का दीपक ,अगरबत्ती ,केशर ,बेसन के लड्डू ,लाल वस्त्र ,लकड़ी की चौकी ,का प्रयोग करे तथा बाइसवे दिन हवंन कर पांच कुवारी कन्याओं को भोजन कराकर वस्त्र-दक्षिणा दे विदा करे इसके उपरान्त मूगे की माला आप अपने गले में धारण करे |


5- कर्ज मुक्ति हेतु श्वेतार्क गणपति का प्रयोग बुधवार को लाल वस्त्रादि-वस्तुओ के साथ शुरू करे और 21 दिन में सवा लाख जप मंत्र का करे मूंगे अथवा रुद्राक्ष अथवा स्फटिक की मंत्र सिद्ध चैतन्य माला से करे साधना के बाद माला अपने गले में धारण करे तथा पूजन में लाल वस्तुओ का प्रयोग करे और दीपक घी का जलाए|


6- श्वेतार्क गणपति की साधना में एक बात ध्यान देने की है की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मूर्ति चैतन्य हो जाती है और उसे हर हाल में प्रतिदिन पूजा देनी होती है साधना समाप्ति पर यदि रोज पूजा देते रहेगे तो चतुर्दिक विकास होता है यदि किसी कारण से आप पूजा न दे सके या कोई भी सदस्य घर का पूजा न कर सके तो मूर्ति का विसर्जन कर दे|


उपरोक्त प्रयोगों में मंत्र भिन्न-भिन्न प्रयोग होते है-जिन्हें न देने का कारण सिर्फ इनके दुरुपयोग से इनको बचाना है-यह प्रयोग तंत्र के अंतर्गत आते है अतः सावधानी आवश्यक है इसलिए मन्त्र यहाँ नहीं लिखे गए है क्युकि तंत्र के मन्त्र अचूक होते है और आज वैमनस्य के कारण लोग हित की जगह दूसरों का अहित कर देते है सिर्फ जो पात्रता के योग्य होते है ये मन्त्र गुरु की देखरेख में ही शिष्य को दिया जाता है-वैसे सभी मन्त्र शंकर भगवान् द्वारा कीलित अवस्था में है जिनका उत्कीलन गुरु द्वारा शिष्य से करवा कर मन्त्र को प्रभावी बनाया जाता है पुस्तक में दिए गए मन्त्र चैतन्य अवस्था में नहीं होते है इसलिए उसका कोई प्रभाव नहीं होता है जबकि मन्त्र शक्ति आज भी पूर्वकाल की तरह ही गुण सम्पन्न है|


POWERFUL SIDH TOKE, UPAY




1. आर्थिक समस्या के छुटकारे के लिए : यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें |

2. घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए : इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें | या एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें | इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें | यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें |
3. परेशानी से मुक्ति के लिए : आज कल हर आदमी किसी न किसी कारण से परेशान है | कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें | उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय | प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें | धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी |
4. कुंवारी कन्या के विवाह हेतु :
1. यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें | भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें | विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी |
2. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे | विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी
5. व्यापार बढाने के लिए :
1. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें | ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही |
2. पूजा घर में अभिमंत्रित श्र्री यंत्र रखें |
3. शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें | दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें | उसके तीन हिस्से कर लें | उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें | दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें | यह प्रयोग 40 दिन तक करें | कारोबार में लाभ होगा |
6. लगातार बुखार आने पर :
1. यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें | फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें | बुखार उतर जायगा |
2. इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें |
3. यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें | कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा |
7. नौकरी जाने का खतरा हो या ट्रांसफर रूकवाने के लिए : पांच ग्राम डली वाला सुरमा लें | उसे किसी वीरान जगह पर गाड दें | ख्याल रहे कि जिस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वापिस न लायें | उसे वहीं फेंक दें दूसरी बात जो ध्यान रखने वाली है वो यह है कि सुरमा डली वाला हो और एक ही डली लगभग 5 ग्राम की हो | एक से ज्यादा डलियां नहीं होनी चाहिए |
8. कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो : यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें | अवश्य लाभ होगा |
9. मुकदमें में विजय पाने के लिए : यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें | जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है | परंतु याद रहे आपको चावल ले जाते या कोर्ट में फेंकते समय कोई देखे नहीं वरना लाभ नहीं होगा | यह उपाय आपको बिना किसी को पता लगे करना होगा |
10. धन के ठहराव के लिए : आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव न हो तो ध्यान रखें को आपके घर में कोई नल लीक न करता हो | अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो | और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये | वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है |
11. मानसिक परेशानी दूर करने के लिए : रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें | प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें | अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें |
12. बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए :
1. एक काला रेशमी डोरा लें | “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें | उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें |
2 . प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें | बच्चा दीर्घायु होगा |
13. किसी रोग से ग्रसित होने पर : सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें | अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें | सेहत ठीक रहेगी |
14. प्रेम विवाह में सफल होने के लिए : यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो : शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें | इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें | तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें |
15. नौकर न टिके या परेशान करे तो : हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें | ऐसा आप चार मंगलवार करें |
16. बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो : हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रशाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें |
17. यदि आपको सही नौकरी मिलने में दिक्कत आ रही हो तो :
1. कुएं में दूध डालें| उस कुएं में पानी होना चहिए |
2. काला कम्बल किसी गरीब को दान दें |
3. 6 मुखी रूद्राक्ष की माला 108 मनकों वाली माला धारण करें जिसमें हर मनके के बाद चांदी के टुकडे पिरोये हों |
18. अगर आपका प्रमोशन नहीं हो रहा तो :
1 गुरूवार को किसी मंदिर में पीली वस्तुये जैसे खाद्य पदार्थ, फल, कपडे इत्यादि का दान करें |
2 हर सुबह नंगे पैर घास पर चलें |
19. पति को वश में करने के लिए : यह प्रयोग शुक्ल पक्ष में करना चाहिए | एक पान का पत्ता लें | उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें | फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें | पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें | और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय | यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय | पान का पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो | रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें | 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें | शीघ्र समस्या का समाधान होगा |
20. यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए : किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए | लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें | उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें | इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें | शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें | जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा |
21. यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो यह उपाय करें : बाजार से 86 (छियासी) साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए | सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए | दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए | हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए | उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए | ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है | रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है | 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें | आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा | यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए | पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए | अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है |
22. यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो : इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए | सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें | यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें | लाभ होगा |
23. माईग्रेन या आधा सीसी का दर्द का उपाय : सुबह सूरज उगने के समय एक गुड का डला लेकर किसी चौराहे पर जाकर दक्षिण की ओर मुंह करके खडे हो जांय | गुड को अपने दांतों से दो हिस्सों में काट दीजिए | गुड के दोनो हिस्सों को वहीं चौराहे पर फेंक दें और वापिस आ जांय | यह उपाय किसी भी मंगलवार से शुरू करें तथा 5 मंगलवार लगातार करें | लेकिन….लेकिन ध्यान रहे यह उपाय करते समय आप किसी से भी बात न करें और न ही कोई आपको पुकारे न ही आप से कोई बात करे | अवश्य लाभ होगा |
24. फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए : यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें | उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें | इसके साथ ही "ओम आदित्याय नमः" का जाप करें |

SIDH TOTKE AND UPAAY | सिद्ध टोटके व् उपाय

1. आर्थिक समस्या के छुटकारे के लिए : यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें |



2. घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए : इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें | या एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें | इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें | यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें |
3. परेशानी से मुक्ति के लिए : आज कल हर आदमी किसी न किसी कारण से परेशान है | कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें | उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय | प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें | धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी |
4. कुंवारी कन्या के विवाह हेतु :
1. यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें | भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें | विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी |
2. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे | विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी
5. व्यापार बढाने के लिए :
1. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें | ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही |
2. पूजा घर में अभिमंत्रित श्र्री यंत्र रखें |
3. शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें | दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें | उसके तीन हिस्से कर लें | उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें | दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें | यह प्रयोग 40 दिन तक करें | कारोबार में लाभ होगा |
6. लगातार बुखार आने पर :
1. यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें | फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें | बुखार उतर जायगा |
2. इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें |
3. यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें | कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा |
7. नौकरी जाने का खतरा हो या ट्रांसफर रूकवाने के लिए : पांच ग्राम डली वाला सुरमा लें | उसे किसी वीरान जगह पर गाड दें | ख्याल रहे कि जिस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वापिस न लायें | उसे वहीं फेंक दें दूसरी बात जो ध्यान रखने वाली है वो यह है कि सुरमा डली वाला हो और एक ही डली लगभग 5 ग्राम की हो | एक से ज्यादा डलियां नहीं होनी चाहिए |
8. कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो : यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें | अवश्य लाभ होगा |
9. मुकदमें में विजय पाने के लिए : यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें | जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है | परंतु याद रहे आपको चावल ले जाते या कोर्ट में फेंकते समय कोई देखे नहीं वरना लाभ नहीं होगा | यह उपाय आपको बिना किसी को पता लगे करना होगा |
10. धन के ठहराव के लिए : आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव न हो तो ध्यान रखें को आपके घर में कोई नल लीक न करता हो | अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो | और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये | वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है |
11. मानसिक परेशानी दूर करने के लिए : रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें | प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें | अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें |
12. बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए :
1. एक काला रेशमी डोरा लें | “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें | उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें |
2 . प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें | बच्चा दीर्घायु होगा |
13. किसी रोग से ग्रसित होने पर : सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें | अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें | सेहत ठीक रहेगी |
14. प्रेम विवाह में सफल होने के लिए : यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो : शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें | इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें | तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें |
15. नौकर न टिके या परेशान करे तो : हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें | ऐसा आप चार मंगलवार करें |
16. बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो : हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रशाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें |
17. यदि आपको सही नौकरी मिलने में दिक्कत आ रही हो तो :
1. कुएं में दूध डालें| उस कुएं में पानी होना चहिए |
2. काला कम्बल किसी गरीब को दान दें |
3. 6 मुखी रूद्राक्ष की माला 108 मनकों वाली माला धारण करें जिसमें हर मनके के बाद चांदी के टुकडे पिरोये हों |
18. अगर आपका प्रमोशन नहीं हो रहा तो :
1 गुरूवार को किसी मंदिर में पीली वस्तुये जैसे खाद्य पदार्थ, फल, कपडे इत्यादि का दान करें |
2 हर सुबह नंगे पैर घास पर चलें |
19. पति को वश में करने के लिए : यह प्रयोग शुक्ल पक्ष में करना चाहिए | एक पान का पत्ता लें | उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें | फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें | पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें | और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय | यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय | पान का पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो | रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें | 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें | शीघ्र समस्या का समाधान होगा |
20. यदि आपको धन की परेशानी है, नौकरी मे दिक्कत आ रही है, प्रमोशन नहीं हो रहा है या आप अच्छे करियर की तलाश में है तो यह उपाय कीजिए : किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए | लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें | उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें | इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें | शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें | जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा |
21. यदि आप अपना मकान, दुकान या कोई अन्य प्रापर्टी बेचना चाहते हैं और वो बिक न रही हो तो यह उपाय करें : बाजार से 86 (छियासी) साबुत बादाम (छिलके सहित) ले आईए | सुबह नहा-धो कर, बिना कुछ खाये, दो बादाम लेकर मन्दिर जाईए | दोनो बादाम मन्दिर में शिव-लिंग या शिव जी के आगे रख दीजिए | हाथ जोड कर भगवान से प्रापर्टी को बेचने की प्रार्थना कीजिए और उन दो बादामों में से एक बादाम वापिस ले आईए | उस बादाम को लाकर घर में कहीं अलग रख दीजिए | ऐसा आपको 43 दिन तक लगातार करना है | रोज़ दो बादाम लेजाकर एक वापिस लाना है | 43 दिन के बाद जो बादाम आपने घर में इकट्ठा किए हैं उन्हें जल-प्रवाह (बहते जल, नदी आदि में) कर दें | आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा | यदि 43 दिन से पहले ही आपका सौदा हो जाय तो भी उपाय को अधूरा नही छोडना चाहिए | पूरा उपाय करके 43 बादाम जल-प्रवाह करने चाहिए | अन्यथा कार्य में रूकावट आ सकती है |
22. यदि आप ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन से परेशान हैं तो : इतवार की रात को सोते समय अपने सिरहाने की तरफ 325 ग्राम दूध रख कर सोंए | सोमवार को सुबह उठ कर सबसे पहले इस दूध को किसी कीकर या पीपल के पेड को अर्पित कर दें | यह उपाय 5 इतवार तक लगातार करें | लाभ होगा |
23. माईग्रेन या आधा सीसी का दर्द का उपाय : सुबह सूरज उगने के समय एक गुड का डला लेकर किसी चौराहे पर जाकर दक्षिण की ओर मुंह करके खडे हो जांय | गुड को अपने दांतों से दो हिस्सों में काट दीजिए | गुड के दोनो हिस्सों को वहीं चौराहे पर फेंक दें और वापिस आ जांय | यह उपाय किसी भी मंगलवार से शुरू करें तथा 5 मंगलवार लगातार करें | लेकिन….लेकिन ध्यान रहे यह उपाय करते समय आप किसी से भी बात न करें और न ही कोई आपको पुकारे न ही आप से कोई बात करे | अवश्य लाभ होगा |
24. फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए : यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें | उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापिसी की प्रार्थना करें | इसके साथ ही "ओम आदित्याय नमः" का जाप करें |