भूत प्रेत दूर करने का मंत्र
||नमो आदेश गुरू को
हे हनुमंत वीर
विरन के वीर
तिहारे तरकश में
नवलख तीर
खिण बाएँ खिण दाहिने
कबहुक आगे होए
धनी गुसाई सेबसा
उनकी काया मगन होय
इंद्रासन दो लोक में बहार
देखे मशान
‘अमुक’ की देही छल छिद्र व्यापै
तो यति हनुमंत की आन
मेरी भक्ति
गुरू की शक्ति
फुरों मंत्र इश्वरो वाचा ||
विधी - इस मंत्र की सिद्धी के लिए पूजा स्थान में हनुमान जी का चित्र लगाकर पूर्ण विधी विधान से पूजन करें फिर उक्त मंत्र का ग्यारह सौ बार जप करे धूप दीप नैवेध चढ़ाकर हनुमान जी से प्रार्थना करें कि मुझे आशिर्वाद प्रदान करें। फिर जिस व्यक्ति या बच्चे को ऊपरी बाधा या भूत प्रेत इत्यादि बाधा हो उसे उक्त मंत्र को सात बार पढ़ते हुये नीम के पत्र (डाली सहित पत्ते) से झाड़ दे इसके प्रभाव से तुरंत ही रोगी स्वस्थ हो जाता है।
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