A real Bhagtaai Life Story | भगताई जीवन की एक सच्ची घटना


A real Bhagtaai Life Story | भगताई जीवन की  एक सच्ची घटना
यह घटना दिल्ली के *** नगर के होली चौक नामक स्थान की है वहा एक महिला थी मितभाषीसभी पर दया करने वाली और लोग उसे माँमाता जी कहकर पुकारते थे उस महिला में कई देविया की सवारी आती थी और लगभग 10-15 साल से उस महिला ( उस महिला में आने वाली देवी की सवारी) ने कई लोगो का भला कियाकई ही लोगो को सही रास्ता दिखायाबहुत से लोगो के काम में हाथ डाला और वह देवी पर विश्वास के कारण किसी को भी गुरु बनानाशिक्षा दीक्षा लेना जरूरी नहीं समझा क्योंकि वाही बात है की जब शक्ति (शक्तियों) खुद ही उसके पास आ गई है तो उसे कही ओर जाने की जरूरत ही क्या थीपरन्तु ऐसे भगत से कुछ अपने-पराये लोग अक्सर द्वेषभाव भी रखते है जो की उन भगतो कोबर्बाद करना चाहते है सो उस महिला के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ की उस पर किसी ने अभिचार कर्म कर दिया बस फिर क्या थाअभिचार कर्म अपना काम करता रहा और निगुरीय दैवीय शक्ति (शक्तियों) अपने बल से जहाँ तक सम्भव हो सका रोकती रहती और बाकी भार भगत पर पड़ताधीरे-धीरे उस महिला की शक्ति (शक्तियों) बंधन में आ गई और उस महिला से वो शक्ति (शक्तियों) दूर होने लगी फिर पूरा परिवार बर्बादी की ओर अग्रसर होने लगा और देखते ही देखते वो महिला भगत बीमार पड़ने लगी और अंत को प्राप्त हो गई |
अगर उस महिला पर किसी अच्छे साधक या गुरु का हाथ होता तो ऐसी नौबत ही नहीं आती क्योंकि गुरु पहले से ही सब सम्भावित खतरों से बचाव का उपाय कर देता है या फिर हर एक उपाय भगत को बता देता है जिससे की भगत पर आगे भविष्य में किसी का वार या अभिचार कर्म हानि ना पहुंचा पाए|
तो प्रिय भगतो अब आप समझ ही चुके होगे की एक भगत के लिया गुरु की जरुरत कितनी है अगर गुरु अच्छा मिला तो समझे की जिंदगी सफल हो गई और अगर किसी ऐसे ही गुरु के चक्कर में फँस गये तो वो आपकी शक्ति (शक्तियों) को अपने काम में प्रयोग करेगा और आप को किसी भी तरह का ज्ञान-विद्या नही देगा बल्कि यही कहेगा की पूजा-पाठ करो और शक्ति (शक्तियों) को याद करो जबकि एक अच्छा और सच्चा गुरु आपको हर चीज़ की काट करनाबचाव करना और भी कई बाते है वो सब आपको बता देता है जिससे की आप किसी भी तरह की परेशानी को सहज ही हल कर सको |
पानी पियो छान के |
गुरु करो जान के ||


जैसा की आप अभी पढ़ ही चुके है की गुरु का एक भगत के जीवन में कितना महत्पूर्ण स्थान है |  तो जैसा की आपको बताया गया है उसके बावजूद भी कई बार ऐसा होता है कि एक गुरु होता है वह अपने शिष्य को पूरा ज्ञान नहीं देता है और अक्सर 99 प्रतिशत स्थिति में यही होता है कि वह गुरु अपने शिष्य को कभी भी पूरा ज्ञान ध्यान नहीं देता है खासकर की भगताई लाइन की ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गुरु यह सोचता है कि यदि मैंने इसको पूरा ज्ञान दे दिया तो बाद में गुरु की शीशे को कोई जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि उसमें वही बात हो गई गुरु गुड रहा और चेला चीनी हो गया और अधिकतर ऐसा होता भी है कि चेले लोग अपने गुरु से सेवा पूछ लेते हैं कैसे क्या करना है और फिर बाद में जैसे उनको थोड़ा सा आगे रास्ता दिखता है खुद बखुद यहाँ वहां से पढ़ लेते हैं और सिर्फ वही से समस्या खड़ी हो जाती है कि आपके काम धीरे धीरे रुकने शुरू हो जाते हैं और एक समय ऐसा था कि आपने यदि किसी देवता की सवारी भी आती है तो आप पूर्णतया  ही निष्क्रिय हो जाते हैं आपके देवता कोई काम नहीं करते वक्त जरूर देते हैं कि फलाना काम इस विधी से हो जायेगा या  मैं इतने समय में कर दूंगा लेकिन होता कुछ भी नहीं है सिर्फ देखते रहो देवता झूठ बोलता रहता है और कब तक आपको आगे का टाइम देता रहता है इतने दिन में हो जाएगा इसमें टाइम में हो जायेगा पुरे होता क्यों नही है और ऐसा होता क्यों है क्योंकि चैला जो है थोड़ा बोलते ही सोचने लगता है कि हम उसे सब कुछ आ गया और कुछ गुरु लोग भी ऐसे होते हैं जोकि अपने चेले को पूरा ध्यान ज्ञान विधि पूरी विधि से नहीं बताते हैं |

वैसे आपके गुरु का कोई स्वार्थ भी हो सकता है कि इन में गुरु का अपना कोई स्वार्थ हो कि वह आपको पूरी विधि नहीं बताता है और परिणाम स्वरुप आपको भटकना पड़ता है आपके सभी रास्ते बंद हो जाते हैं आपको समझ नहीं आता कि क्या किया जाए आपके सभी काम रुक जाते हैं और परेशानियां शुरू हो जाती है समझ नहीं आता है ऐसा क्यों हो रहा है |

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