HANUMAN JAYANTI 2020 VISHESH SHABAR MANTRA

|| श्री सियारामशरण ||

श्री हनुमान जयंती 2020 विशेष एक दिवसीय शाबर मन्त्र  

श्री हनुमान जयंती 2020 विशेष एक दिवसीय शाबर मन्त्र  

केवल एक शाबर मन्त्र जिसे आप केवल एक दिन में ही और वो भी कम से कम समय, कम से कम जाप करने पर सिद्ध कर सकते हो और उसी एक मन्त्र के बहुत से प्रयोग |

प्राय ऐसे मन्त्रो को हम केवल अपने विशेष शिष्यों को ही देते है और आज यह विद्या आप सब के लिए प्रस्तुत है और उम्मीद करते है की भविष्य में भी ऐसी ही शीघ्र सिद्ध होने वाले मन्त्रो को प्रस्तुत करते रहेंगे |


यह मन्त्र केवल सिमित समय तक के लिए ही उपलब्ध है | यदि आप शाबर मन्त्र को सिद्ध करके प्र्योग करके परिणाम देखना चाहते हो या इनको आजमाना चाहते हो तो इस मन्त्र का प्रयोग करके जरुर देखे :

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हनुमान जयंती

हिन्‍दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्‍त हनुमान को संकट मोचक माना गया है | मान्‍यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्‍त को किसी बात का भय नहीं सताता है | उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं | हनुमान जी  के जन्‍मोत्‍सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है | मान्‍यता है कि श्री हनुमान ने श‍िव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजना की कोख से जन्‍म लिया था | हिन्‍दुओ में हनुमान जयंती की विशेष मान्‍यता है | हिन्‍दू मान्‍यताओ में श्री हनुमान को परम बलशाली और मंगलकारी माना गया है |


हनुमान जयंती कब है?

हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को श्री हनुमान जयंती मनाई जाती है | ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हनुमान जयंती हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है | इस बार हुनमान जयंती 8 अप्रैल को है | आपको बता दें कि भक्‍त अपनी-अपनी मान्‍यताओं के अनुसार साल में अलग-अलग दिन हनुमान जयंती मनाते हैं | हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है | 



हनुमान जयंती का महत्‍व 

भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है | संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं | मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं | इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है | घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं | हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है | शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है | श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है |


हनुमान जी की आरती 

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका-सो कोट समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे, सियारामजी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे, आनि संजीवन प्रान उबारे॥
पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे, दहिने भुजा सन्तजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे॥
कंचन थार कपूर लौ छाई, आरति करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरति गावै, बसि बैकुण्ठ परम पद पावै॥





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