DURGA POOJA NAVRATRI BEEJ MANTRA RAM NAVAMI

 चैत्र नवरात्रि 2020 कब है

DURGA POOJA NAVRATRI BEEJ MANTRA RAM NAVAMI
नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है। एक वर्ष में पांच बार नवरात्र आते हैं, चैत्र, आषाढ़, अश्विन, पौष और माघ नवरात्र। इनमें चैत्र और अश्विन यानि शारदीय नवरात्रि को ही मुख्य माना गया है। इसके अलावा आषाढ़, पौष और माघ गुप्त नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है। शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

 

शारदीय नवरात्रि पर्व हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ एक माह विलंब से हो रहा है। मलमास के कारण इसमें यह देरी हुई है।यह त्योहार 17 अक्तूबर से शुरु हो रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन उत्सव में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। माता के भक्त आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। नवरात्रि व्रत के नियमानुसार इन दिनों कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करने चाहिए। 

 

जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri Ghat Sthapna Mahurat 2020)

नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन आश्चिन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी. इस दिन घट स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा |

 

नवरात्रि के लिए पूजा सामग्री (Navratri Poojan Samagri)

नवरात्रि के व्रत रखने और पूजा करने का तभी लाभ होता है जब सब कार्य विधिपूर्वक किये जाएं। आज हम आपको नवरात्रि के लिए पूजा सामग्री बता रहे हैं। इसके लिए आपको मां दुर्गा की नई तस्वीर, लाल चुन्नी, लाल कपड़ा, गंगा जल, माता का श्रृंगार, आम की पत्तियां, लौंग का जोड़ा, उपले, जौ के बीज, चंदन, नारियल, कपूर, गुलाल, पान के पत्ते,सुपारी और इलायची की आवश्यकता होती है।

 

घर पर नवरात्रि पूजा विधि  (Navratri Ghat Sthapna Pooja Vidhi)

नवरात्रि में सुबह जल्दी उठना चाहिए और नित्यकर्म और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा घर को साफ करें. इसके बाद नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करने से पहले सभी तरह की पूजा सामग्रियों को एक जगह एकत्रित कर लें. इसके बाद मां दुर्गा की फोटो को लाल रंग के कपड़े में रखें. फिर पूजा की थाली को सजाएं उसमें सभी तरह की पूजा सामग्री को रखें. मिट्टी के पात्र में जौ के बीज को बोएं और नौ दिनों तक उसमें पानी का छिड़काव करें. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर शुभ मुहूर्त में कलश को लाल कपड़े में लपटेकर स्थापित करें. कलश में गंगाजल डाले और आम की पत्तियां रखकर उस पर जटा नारियल रखें.

 

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान (Nav Durga ke Nav Roop)

  दिन 1 :17 अक्टूबर 2020 :मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना:यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है। मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं। शैलपुत्री माता पार्वती का ही दूसरा रूप है। इन्हें हिमालय राज की पुत्री कहा जाता है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल होता है तथा यह मां नंदी की सवारी करती है। शक्ति और कर्म इनके प्रतीक हैं।

  दिन 2-18 अक्टूबर 2020 :माँ ब्रह्मचारिणी पूजा :ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब मां पार्वती अविवाहित थी तब उन्हेंब्रह्मचारिणी कहा जाता था। यानि कि यह दिन भी मां पार्वती का ही होता है। ये मां श्वेत वस्त्र धारण किए हुए होती हैं और इनके दाएं हाथ में कमण्डल और बाएं हाथ में जपमाला होती है। देवी का स्वरूप अत्यंत तेज़ और ज्योतिर्मय है। ये मां शांति और सकारात्मकता की प्रतीक है।

  दिन 3-19 अक्टूबर 2020 :माँ चंद्रघंटा पूजा :देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि माँ पार्वती और भगवान शिव के विवाह के दौरान उनका यह नाम पड़ा था। मां चंद्रघण्टा का प्रिय रंग पीला होता है इसलिए इस दिन पीले रंग धारण किए जाते हैं। यह रंग साहस का प्रतीक है।

  दिन 4 -20 अक्टूबर 2020 :माँ कूष्मांडा पूजा :माँ कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है। मां कुष्मांडा शेर की सवारी करती हैं और उनकी आठ भुजाएं होती हैं। ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी पर होने वाली हरियाली माँ के इसी रूप के कारण है। इस दिन हरे कपड़े पहनने को शुभ माना जाता है।

  दिन 5 :21 अक्टूबर 2020 :माँ स्कंदमाता पूजा :देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं। भगवान कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। इनकी चार भुजाएं होती हैं। माता अपने पुत्र को लेकर शेर की सवारी करती है। इस दिन ग्रे रंग के कपड़े पहनने की मान्यता है।

  दिन 6-22 अक्टूबर 2020 :माँ कात्यायनी पूजा :देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं। माता कात्यायिनी साहस का प्रतीक हैं। ये शेर की सवारी करती हैं और उनकी चार भुजाएं हैं। इस दिन केसरिया रंग का महत्व होता है।

  दिन 7 :23 अक्टूबर 2020 :माँ कालरात्रि पूजा :देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं। और ऐसा कहा जाता है कि जब मां पार्वती ने शुंभ-निशुंभ नामक दो राक्षसों का वध किया था तब उनका रंग काला हो गया था। इसके बावजूद इस दिन काले के बजाय सफेद रंग पहना जाता है।

  दिन 8 :24 अक्टूबर 2020 :माँ महागौरी पूजा :देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं। माता का यह रूप शांति और ज्ञान की देवी का प्रतीक है। इस दिन पिंक कपड़े पहने जाते हैं।

  दिन 9 -25 अक्टूबर 2020 :माँ सिद्धिदात्री पूजा :देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने वालों को सिद्धि प्राप्त होती है। मां सिद्धिदात्री कमल के फूल पर विराजमान हैं और उनकी चार भुजाएं होती हैं।

 



दुर्गा के बीज मंत्र (Nav Durga Beej Mantra)

9
दुर्गा के बीज मंत्र
(Nav Durga Beej Mantra)

नवरात्रि के समय में मां दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप कल्याणकारी और प्रभावी माना जाता है। इस नवरात्रि आप 9 दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इसमें शब्दों के उच्चारण का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए मां दुर्गा के 9 स्वरुपों के बीज मंत्रों के बारे में जानते हैं।

 

1. शैलपुत्री: ह्रीं शिवायै नम:

2. ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:

3. चन्द्रघण्टा: ऐं श्रीं शक्तयै नम:

4. कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:

5. स्कंदमाता: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:

6. कात्यायनी: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:

7. कालरात्रि: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:

8. महागौरी: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:

9. सिद्धिदात्री: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:

 

 

चैत्र नवरात्रि की कथा (Chaitra Navratri Ki Katha/ Story) 

एक नगर में एक ब्राह्मण रहा करता था। वह मां भगवती दुर्गा का परम भक्त था। उसकी एक कन्या थी। जिसका नाम सुमति था। ब्राह्मण नियम पूर्वक प्रतिदिन दुर्गा जी की पूजा और यज्ञ किया करता था। ब्राह्मण की बेटी भी प्रतिदिन इस पूजा में भाग लिया करती थी। एक दिन सुमति खेल में व्यस्ति हो गई और मां दुर्गा की पूजा में शामिल नहीं हुई। यह देखकर उसके पिता को अत्यंत क्रोध गया और उसने अपनी पुत्री से कहा वह उसका विवाह किसी दरिद्र और कोढ़ी से करा देगा। पिता की बात सुनकर उसकी बेटी को बहुत दुख हुआ। उसने पिता के द्वारा क्रोध में कही गई बात को स्वीकार कर लिया। अपनी बात के अनुसार उसके पिता ने अपने बेटी का विवाह एक दरिद्र और कोढ़ी व्यक्ति से करा दिया। सुमति अपने पति के साथ विवाह करके चली गई। उसके पति का घर होने के कारण उसे वन में ही रात बड़ी मुश्किल से बीतानी पड़ी। उस कन्या की यह दशा देखकर मां भगवती उसके द्वारा किए गए पिछले जन्म के प्रभाव से प्रकट हो गईं और बोली हे कन्या मैं तुमसे अत्याधिक प्रसन्न हूं। इसलिए तुम मुझसे कुछ भी मांग सकती हो। इस पर सुमति बोली की मां आप मुझ पर किस बात से प्रसन्न हैं। तब मां दुर्गा ने बताया कि पिछले जन्म में तुम एक भील की पत्नी थीं। एक दिन तुम्हारे पति की चोरी के कारण तुम्हें और तुम्हारे पति को जेल में बंद कर दिया गया था। उन सिपाहियों ने तुम्हें और तुम्हारे पति को कुछ भी खाने के लिए नहीं दिया था। जिसके कारण तुम्हारा नवरात्रि का व्रत हो गया था। इसी वजह से मैं तुमसे प्रसन्न हूं। तुम कुछ भी मांग सकती हो। इस पर उस कन्या ने कहा कि मां कृपा करके आप मेरे पति को कोढ़ दूर कर दीजिए। माता ने उसके कन्या के पति को रोग से मुक्त कर दिया। इसलिए नवरात्रि का व्रत करने वाले व्यक्ति को उसके हर जन्म में शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

 

मां दुर्गा के 108 नाम (Maa Durga Ke 108 Naam)

1. सती:अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली 

2. साध्वी:आशावादी 

3. भवप्रीता:भगवान शिव पर प्रीति रखने वाली 

4. भवानी:ब्रह्मांड में निवास करने वाली 

5. भवमोचनी:संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली 

6. आर्या:देवी 

7. दुर्गा:अपराजेय 

8. जया:विजयी 

9. आद्य:शुरुआत की वास्तविकता 

10. त्रिनेत्र:तीन आंखों वाली 

11. शूलधारिणी:शूल धारण करने वाली 

12. पिनाकधारिणी:शिव का त्रिशूल धारण करने वाली 

13. चित्रा:सुरम्य, सुंदर 

14. चण्डघण्टा:प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली 

15. सुधा:अमृत की देवी 

16. मन:मनन-शक्ति 

17. बुद्धि:सर्वज्ञाता 

18. अहंकारा:अभिमान करने वाली 

19. चित्तरूपा:वह जो सोच की अवस्था में है 

20. चिता:मृत्युशय्या 

21. चिति:चेतना 

22. सर्वमन्त्रमयी:सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली 

23. सत्ता:सत-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है 

24. सत्यानंद स्वरूपिणी:अनन्त आनंद का रूप 

25. अनन्ता:जिनके स्वरूप का कहीं अंत नहीं 

26. भाविनी:सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत 

27. भाव्या:भावना एवं ध्यान करने योग्य 

28. भव्या:कल्याणरूपा, भव्यता के साथ 

29. अभव्या:जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं 

30. सदागति:हमेशा गति में, मोक्ष दान 

31. शाम्भवी:शिवप्रिया, शंभू की पत्नी 

32. देवमाता:देवगण की माता 

33. चिन्ता:चिन्ता 

34. रत्नप्रिया:गहने से प्यार करने वाली 

35. सर्वविद्या:ज्ञान का निवास 

36. दक्षकन्या:दक्ष की बेटी 

37. दक्षयज्ञविनाशिनी:दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली 

38. अपर्णा:तपस्या के समय पत्ते को भी खाने वाली 

39. अनेकवर्णा:अनेक रंगों वाली 

40. पाटला:लाल रंग वाली 

41. पाटलावती:गुलाब के फूल 

42. पट्टाम्बरपरीधाना:रेशमी वस्त्र पहनने वाली 

43. कलामंजीरारंजिनी:पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली 

44. अमेय:जिसकी कोई सीमा नहीं 

45. विक्रमा:असीम पराक्रमी 

46. क्रूरा:दैत्यों के प्रति कठोर 

47. सुन्दरी:सुंदर रूप वाली 

48. सुरसुन्दरी:अत्यंत सुंदर 

49. वनदुर्गा:जंगलों की देवी 

50. मातंगी:मतंगा की देवी 

51. मातंगमुनिपूजिता:बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय 

52. ब्राह्मी:भगवान ब्रह्मा की शक्ति 

53. माहेश्वरी:प्रभु शिव की शक्ति 

54. इंद्री:इंद्र की शक्ति 

55. कौमारी:किशोरी 

56. वैष्णवी:अजेय 

57. चामुण्डा:चंड और मुंड का नाश करने वाली 

58. वाराही:वराह पर सवार होने वाली 

59. लक्ष्मी:सौभाग्य की देवी 

60. पुरुषाकृति:वह जो पुरुष धारण कर ले 

61. विमिलौत्त्कार्शिनी:आनन्द प्रदान करने वाली 

62. ज्ञाना:ज्ञान से भरी हुई 

63. क्रिया:हर कार्य में होने वाली 

64. नित्या:अनन्त 

65. बुद्धिदा:ज्ञान देने वाली 

66. बहुला:विभिन्न रूपों वाली 

67. बहुलप्रेमा:सर्व प्रिय 

68. सर्ववाहनवाहना:सभी वाहन पर विराजमान होने वाली 

69. निशुम्भशुम्भहननी:शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली 

70. महिषासुरमर्दिनि:महिषासुर का वध करने वाली 

71. मसुकैटभहंत्री:मधु कैटभ का नाश करने वाली 

72. चण्डमुण्ड विनाशिनि:चंड और मुंड का नाश करने वाली 

73. सर्वासुरविनाशा:सभी राक्षसों का नाश करने वाली 

74. सर्वदानवघातिनी:संहार के लिए शक्ति रखने वाली 

75. सर्वशास्त्रमयी:सभी सिद्धांतों में निपुण 

76. सत्या:सच्चाई 

77. सर्वास्त्रधारिणी:सभी हथियारों धारण करने वाली 

78. अनेकशस्त्रहस्ता:कई हथियार धारण करने वाली 

79. अनेकास्त्रधारिणी:अनेक हथियारों को धारण करने वाली 

80. कुमारी:सुंदर किशोरी 

81. एककन्या:कन्या 

82. कैशोरी:जवान लड़की 

83. युवती:नारी 

84. यति:तपस्वी 

85. अप्रौढा:जो कभी पुराना ना हो 

86. प्रौढा:जो पुराना है 

87. वृद्धमाता:शिथिल 

88. बलप्रदा:शक्ति देने वाली 

89. महोदरी:ब्रह्मांड को संभालने वाली 

90. मुक्तकेशी:खुले बाल वाली 

91. घोररूपा:एक भयंकर दृष्टिकोण वाली 

92. महाबला:अपार शक्ति वाली 

93. अग्निज्वाला:मार्मिक आग की तरह 

94. रौद्रमुखी:विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा 

95. कालरात्रि:काले रंग वाली 

96. तपस्विनी:तपस्या में लगे हुए 

97. नारायणी:भगवान नारायण की विनाशकारी रूप 

98. भद्रकाली:काली का भयंकर रूप 

99. विष्णुमाया:भगवान विष्णु का जादू 

100. जलोदरी:ब्रह्मांड में निवास करने वाली 

101. शिवदूती:भगवान शिव की राजदूत 

102. करली:हिंसक 

103. अनन्ता:विनाश रहित 

104. परमेश्वरी:प्रथम देवी 

105. कात्यायनी:ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय 

106. सावित्री:सूर्य की बेटी 

107. प्रत्यक्षा:वास्तविक 

108.ब्रह्मवादिनी:वर्तमान में हर जगह वास करने वाली

 

 मां दुर्गा की आरती जय अम्बे गौरी 

(Maa Durga Ki Aarti Jai Ambe Gauri)

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी.....
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी,...।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी,...।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी,...।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी,...।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी,...।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी,...।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अम्बे गौरी,...।
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी,...।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी,...।
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी,...।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।
अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अम्बे गौरी,...।


मां दुर्गा की आरती (माँ !जगजननी जय !जय!!)

(Maa Durga Ki Aarti Maa Jag janni Jay Jay)

जगजननी जय !जय!! (माँ !जगजननी जय !जय!!)
भयहारिणी, भवतारिणी ,भवभामिनि जय ! जय !! 
माँ जग जननी जय जय …………
तू ही सत-चित-सुखमय शुद्ध ब्रह्मरूपा ।
सत्य सनातन सुंदर पर – शिव सुर-भूपा ।। माँ जग ………….
आदि अनादि अनामय अविचल अविनाशी ।
अमल अनंत अगोचर अज आनंदराशि।। माँ जग ………….
अविकारी , अघहारी,  अकल , कलाधारी ।
कर्ता विधि , भर्ता हरि , हर सँहारकारी ।। माँ जग…………
तू विधिवधू , रमा ,तू उमा , महामाया ।
मूल प्रकृति विद्या तू , तू। जननी ,जाया ।। माँ जग ……….
राम , कृष्ण तू , सीता , व्रजरानी राधा ।
तू वाञ्छाकल्पद्रुम , हारिणी सब बाधा ।। माँ जग……….
दश विद्या , नव दुर्गा , नानाशास्त्रकरा ।
अष्टमात्रका ,योगिनी , नव नव रूप धरा ।। माँ जग ………..
तू परधामनिवासिनि , महाविलासिनी तू ।
तू ही श्मशानविहारिणि , ताण्डवलासिनि तू ।।
माँ जग जननी जय जय …………
सुर – मुनि – मोहिनी सौम्या तू शोभा  धारा ।
विवसन विकट -सरूपा , प्रलयमयी धारा ।। माँ जग ………..
तू ही स्नेह – सुधामयि, तू अति गरलमना ।
रत्नविभूषित तू ही , तू  ही अस्थि- तना ।।माँ जग ………….
मूलाधारनिवासिनी , इह – पर – सिद्धिप्रदे ।
कालातीता       काली , कमला तू वरदे ।। माँ जग ……….
शक्ति शक्तिधर  तू ही नित्य अभेदमयी ।
भेदप्रदर्शिनि वाणी    विमले ! वेदत्रयी ।। माँ जग ………..
हम अति दीन दुखी मा ! विपत – जाल घेरे ।
हैं कपूत अति कपटी , पर बालक तेरे ।। माँ  जग ….…..
निज स्वभाववश जननी ! दयादृष्टि कीजै ।
करुणा कर करुणामयि ! चरण – शरण दीजै ।। 
माँ जग जननी जय जय , माँ जग जननी जय जय 

नवरात्रि में माँ दुर्गा की मन्त्र साधना 

नवरात्रि के समय में माँ दुर्गा की मन्त्र साधना करने का अपना अलग ही पुन्य है और मन्त्र सिद्धि के साथ ही माँ की भक्ति, अनुकम्पा प्राप्ति भी सहज है | माँ की भक्ति, मन्त्र साधना करने के लिए आप सभी पाठको के लिए हम FREE eBOOK प्रदान कर रहे है | आप इसे डाउनलोड करे और साथ ही अपने परिचित लोगो, भक्तो तक इसे पहुचाएं ताकि सभी इन नवरात्रि में माँ की कृपा पा सके और और मनोवांछित फल की प्राप्ति कर सकें |




नवरात्रि 2020, चैत्र नवरात्रि 2020 कब है, Shardiya नवरात्रि 2020, नवरात्रि: कब है 2020, नवरात्रि 2020, नवरात्रि 2020 October, आश्वि

नवरात्रि 2020, Navratri 2020, नवरात्रि 2020 अप्रैल, navratri, navratri 2020, garba, gujarati garba, navratri colours of 2020, happy Navratri, navratri colours, dandiya, navratri 2020,  date navratri 2020, garba dance, navratri 2020 start date, navratri colors 2020, navratri color 2020, navratri 2020 colours, navratri colours 2020, chaitra navratri 2020, navratri 2020 date october, navratri date, navratri garba, navratri wishes, dandiya dance, navarathri 2020, navratri date 2020, colours of navratri 2020, navratri colors 2020, chaitra navratri, navratri special, navratri 2020 after holi, happy navratri wishes, navratri colours 2020 october, navratri 2020 colours, happy navratri 2020,  navratri 2020, chaitra navratri date 2020,  2020 navratri, 2020 navratri colours, navratri 2020 october, navratri 2020 colour, colour of navratri 2020, 9 colours of navratri 2020, navratri in 2020, navratri 2020 date, garba dandiya,navratri vrat katha, ghatasthapana 2020, navratri 2020 colours with date, navratri wishes in hindi, falguni pathak garba, navratri date 2020,  new garba, united way garba, 2020 navratri date, 7th day of Navratri, navaratri days 2020, navratri colours 2020, dandiya night, garba 2020, 6th day of navratri, chaitra navratri 2020 date, 8th day of Navratri, navratri colour 2020, navratri 2020 colours with date, hemant chauhan garba, ghatasthapana, navratri katha, jignesh kaviraj garba, maiya ka churma, navratri puja vidhi, gupt navratri 2020 dates, atul purohit garba, colors of navratri 2020, colours of navratri 2020,  9th day of Navratri, 5th day of Navratri, nine colours of navratri 2020, 4th day of navratri, nine days of Navratri, navratri puja, gujarati garba 2020, navratri festival, garba 2020,  garba near me, navratri 2020, 9 colours of navratri 2020, navarathri 2020 dates, navarathri pooja 2020, navratri dussehra 2020, navratri ki aarti, navratri dussehra 2020, durga puja 2020 navratri date, geeta rabari garba, navratri start 2020, goddess durga Navratri, navratri sthapna, navratri start, kalaratri, navratri start date 2020, navratri 9 colours, navarathri Pooja, Navratri, navratri 2020, garba, gujarati garba, navratri colours of 2020, happy Navratri, navratri coloursdandiya, navratri 2020 date, navratri 2020, garba dance, navratri 2020 start date, navratri colors 2020, navratri color 2020,  navratri 2020 colours, navratri colours 2020, chaitra navratri 2020, navratri 2020 date October, navratri date, navratri garba, navratri wishes, dandiya dance, navarathri 2020, navratri date 2020, colours of navratri 2020, navratri colors 2020, chaitra Navratri, navratri special, navratri 2020 after holi, happy navratri wishes, navratri colours 2020 october, navratri 2020 colours, happy navratri 2020, navratri 2020, chaitra navratri date 2020, 2020 navratri, 2020 navratri colours, navratri 2020 october, navratri 2020 colour, colour of navratri 2020, 9 colours of navratri 2020, navratri in 2020, navratri 2020 date, garba dandiya, navratri vrat katha, ghatasthapana 2020, navratri 2020 colours with date, navratri wishes in hindi, falguni pathak garba, navratri date 2020, new garba, united way garba, 2020 navratri date, 7th day of Navratri, navaratri days 2020, navratri colours 2020, dandiya night, garba 2020, 6th day of Navratri, chaitra navratri 2020 date, 8th day of Navratri, navratri colour 2020, navratri 2020 colours with date, hemant chauhan garba, ghatasthapana, navratri katha, jignesh kaviraj garba, maiya ka churma, navratri puja vidhi, gupt navratri 2020 dates, atul purohit garba, colors of navratri 2020, colours of navratri 2020, 9th day of Navratri, 5th day of Navratri, nine colours of navratri 2020, 4th day of Navratri, nine days of Navratri, navratri puja, gujarati garba 2020 navratri festival, garba 2020,  garba near me, navratri 2020, .,9 colours of navratri 2020,  navarathri 2020,  dates, navarathri pooja 2020,  navratri dussehra 2020,  navratri ki aarti, navratri dussehra 2020,  durga puja 2020,  navratri date, geeta rabari garba, navratri start 2020, , goddess durga Navratri, navratri sthapna, navratri start, kalaratri, navratri start date 2020, , navratri 9 colours, navarathri Pooja


No comments:

Post a Comment