शाबर मन्त्र भाग-8 गुरु मंत्र साधना

गुरु मंत्र की साधना सभी अन्य साधनाओंमें सर्वोपरि कहि जाती है। और जो साधक गुरु मंत्र की साधना करता है उस साधक, भगत पर गुरु देव का आशीर्वाद चहुँओर से बरसता रहता है और अन्य सभी साधनाओं में भी सफलता प्राप्त होती है। 
कहा भी जाता हैं कि:-



गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वर:
गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:||


 गुरुदेव ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव है 



गुरूदेव ही साक्षात् परब्रह्म है | 

अर्थात गुरु मंत्र की साधना करना ब्रह्मा, विष्णु व महेश, त्रिदेवों की साधना के समक्ष है। गुरु मंत्र साधना, मन्त्र तन्त्र यन्त्र साधना में सफलता का मूल उपाय है जिसको पूर्ण करने पर सभी प्रकार की साधनाओं में सफलता निश्चित ही रूप में प्राप्त होती हैं।
इस पुस्तक में उन सभी विशेष साधनाओ का जिक्र किया गया है जो एक साधक, भगत, गुरु भक्त, गुरु नाम धारक साधको को करना निहायत ही अनिवार्य है यदि वे अपने साधना मार्ग पर आगे की ओर अग्रसर होना चाहते हैं।
इस पुस्तक में दर्शायी गयी साधनाओं के विषय में जितना अधिक कहा जाय उतना ही कम है। यह एक प्रकार से गागर में सागर की भाँति एक अमूल्य धरोहर है जो आपको आध्यात्मिक उन्नति, मन्त्र तँत्र यन्त्र साधना की सफलता निश्चित करेगी।
यदि आप ने अभी तक किसी को गुरु नही बनाया है और आपको मन्त्र साधना अपनी रक्षा, संरक्षण, उन्नति के लिए या अपने अथवा लोकहित के लिए मन्त्र साधना करने की तीव्र इच्छा है तो आप इस पुस्तक शाबर मंत्र भाग 8 और शाबर मंत्र भाग 1 पुस्तक की मदद से आप अपने इच्छित कार्य में साधना श्रम करके निश्चित ही तौर पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
जो शिष्य अपने गुरु देव को त्रिदेव रूप में पूजता है, उसे अन्य साधनाओँ की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि गुरुदेव के आशीर्वाद से सभी कार्य सहज ही पूर्ण होने लगते हैं।
जो साधक, भगत भाई जिसने अभी तक गुरु का निर्धारण नही किया है वे भी इस पुस्तक की मदद से अपने प्रारब्ध के गुरु से जरूर जुड़ पायेंगे और ईश्वरीय शक्ति की मदद से आपके गुरु आपको जरूर प्राप्त होंगे।

भाषा : हिन्दी
न्योछावर :  351/- 

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