शाबर मन्त्र भाग 7 धन योग

हर मनुष्य की चाहत होती है अपार धन/रूपए-पैसे की प्राप्तिलेकिन यह धन/रूपए-पैसे आपको सिर्फ चाहने भर से नहीं मिलता है| इसके लिए आपको दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है और सफलता प्राप्ति ही होने पर आपको इसके लिए आपको मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना वहुत जरूरी है| चाहे आप आध्यात्मिक तरीके से माँ लक्ष्मी-कुबेर को प्रसन्न करे या तन्त्र क्रिया के द्वारा |

धन/रूपए-पैसे जीवन की सबसे आधारभूत आवश्यकता है,  जिसके बिना कोई भी अपने दैनिक जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता | हम धन/रूपए-पैसे के महत्व की तुलना कभी भी प्यार और देखभाल के महत्व से नहीं कर सकते हैं | जब किसी को धन/रूपए-पैसे की आवश्यकता होती है,  तो उसे प्यार से पूरा नहीं किया जा सकता और यदि किसी को प्यार की आवश्यकता होती हैतो उसे धन/रूपए-पैसे से पूरा नहीं किया जा सकता | दोनों की ही स्वस्थ जीवन के लिए अनिवार्य तथा अपिहार्य आवश्यकता है लेकिन,  दोनों का जीवन में अलग-अलग महत्व भी है |हमें दोनों की ही तत्काल आवश्यकता है इसलिए हम दोनों को समान पैमाने पर नहीं माप सकते हैं | हमें धन/रूपए-पैसे की सब जगह आवश्यकता होती है,  जैसे- खाना खाने के लिएपानी या दूध पीने के लिए टीवी देखने के लिए,  अखबार खरीदने के लिए कपड़ें पहनने के लिए,  स्कूल में प्रवेश लेने के लिए शिक्षा प्राप्त करने के लिए और अन्य बहुत सी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आदि|
धन/रूपए-पैसे का महत्व दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है,  क्योंकि हमारा रहन-सहन बहुत महँगा हो गया है | धन/रूपए-पैसे के महत्व में उत्पादन उपभोग विनिमय वितरण सार्वजनिक राजस्व आदि के क्षेत्र में बड़े स्तर पर वृद्धि हुई है | यह आय रोजगार आगम-निगम,  सामान्य मूल्य स्तर आदि के निर्धारण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | यदि वर्तमान समय को देखा जाए तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि,  जिसके पास धन/रूपए-पैसे की अधिकता हैवो ही संसार में अधिक सभ्य माना जाता है | अतः जीवन के हर एक पक्ष में धन/रूपए-पैसे ने अपने महत्व को प्रदर्शित कर दिया है|

हमारे जीवन मेँ कुछ चीजेँ ऐसी हैजिन्हे धन/रूपए-पैसे से नही खरीदा जा सकता बाकि सारी चीजेँ पाने के लिए हमेँ धन/रूपए-पैसे की जरूरत होती है हम सव जानते हैँ कि पैसा सव कुछ नही होता परन्तु कुछ भी खरीदने के लिए पैसा वहुत महत्वपूर्ण है|हमेँ अपनी अधारभूत जरुरतों के लिए धन/रूपए-पैसे की जरुरत होती हैहमेँ बच्चोँ की उच्च शिक्षा के लिए रुपय, पैसे की आवश्यकता होती हैहमे सामाजिक सूरक्षा या सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए भी रूपये, पैसे की आवश्यकता पड़ती है|हालाँकि कुछ साल पहले हमारे देश मेँ खाद्य-बिपणन व्यवस्था थी जहाँ पर हम अपनी जरुरतोँ की वस्तुओँ या सामान को खरीदनेँ के लिए कोई दूसरी वस्तुओँ के माध्यम से भुगतान करते थे | परन्तु आज जमाना बदल गया है और शायद काफी बेहतर हो गया है | आज एक ब्यक्ति सामाज मेँ अपनी आर्थिक हैसियत से जाना जाता है आज हम एक ऐसे युग मेँ जी रहेँ है जहाँ पैसे का महत्ब काफी बढ गया है| यह आधुनिकरण और भूगोलिकरण का परिणाम है | हम सब इस बदलाव से ज्यादा देर तक अछुते नही रह सकते है | अपनी आँखे बन्द कर लेने से अँधेरा नही हो जाता | हम अपने आप को दीन-दुनिया से अलग नही रख सकते (पैसा सुख तो नही पर सुख का साधन तो जरुर ही है)
इस पुस्तक में धन प्राप्ति के लिए मन्त्र-तन्त्र-साधना, उपासना व् टोटके दिए गये है जिनके द्वारा आप धन की कमी की पूर्ति करने में सक्षम होंगे |

भाषा : हिन्दी
न्योछावर :  351/- 
(शाबर मन्त्र भाग 1 से 6 खरीदने पर 

शाबर मन्त्र भाग 7
 इबूक नि:शुल्क प्राप्त होगी |) 

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