पूरे नाथ सम्प्रदाय के गुरु कहे जाने वाले गुरु गोरखनाथ को 84 सिद्धियाँ प्राप्त थी | गुरु गोरखनाथ ने अनेक शाबर मन्त्रों की रचना की और नाथ पन्थो की सभा में बैठकर उन्होंने बहुत से शाबर मन्त्र आदि का उपदेश दिया| ऐसी -ऐसी गूढ़ तंत्र विद्याएँ जिनसे लोग पहले अवगत नहीं थे, गुरु गोरखनाथ द्वारा ये तंत्र विद्याएँ चलन में आई | गुरु गोरखनाथ, भगवान शिव के भक्त थे व नाथ पंथ में उन्हें शिवावतरी भी माना जाता है, ऐसा भी माना जाता है कि ये सभी मंत्र उन्हें भगवान शिव द्वारा ही उन्हें प्राप्त हुए थे |
नाथ संप्रदाय में किसी भी प्रकार का भेद-भाव आदि काल से नहीं रहा है। इस संप्रदाय को किसी भी जाति, वर्ण व किसी भी उम्र में अपनाया जा सकता है। सन्यासी का अर्थ काम, क्रोध, मोह, लोभ आदि बुराईयों का त्याग कर समस्त संसार से मोह छोड़ कर शिव भक्ति में समाधी लगाकर लीन होना बताया जाता है। जब भी कभी किसी साधना का नाम आता है तो अचानक ही एक नाम मन में आने लगता है "गुरु गोरख नाथ” | गुरु गोरखनाथ एक ऐसे तपस्वी हुए है जिनका सम्पूर्ण जीवन साधना व सिद्धियाँ प्राप्त करने में समर्पित हुआ | तथा उन्होंने अपने जीवन काल में वैदिक जैसे जटिल शाबर मन्त्रो को आमजन के लिए सुलभ बनाने हेतु बहुत से शाबर मन्त्रो की रचना की | सभी सिद्ध शाबर मंत्र गुरु गोरखनाथ की ही देन है | गुरु गोरखनाथ को गोरक्ष नाथ भी कहा गया है | गुरु गोरखनाथ के मन्त्रों द्वारा किसी भी प्रकार के रोग ,व्याधि और पीडाओं को दूर किया जा सकता है | गुरु गोरखनाथ के दिए मन्त्रों का विस्तार से वर्णन कर पाना कठिन है किन्तु हम आपको गुरु गोरखनाथ के कुछ शक्तिशाली शाबर मंत्रों की जानकारी अपनी इस शाबर मन्त्र भाग 18 श्री गोरखनाथ मन्त्र तन्त्र साधनाईबुक में देने का प्रयास करते है |
गुरु मत्स्येन्द्र नाथ के शिष्य गुरु गोरखनाथ अनेक सिद्धियों के मालिक थे | जो कि नाथ पंथ से गुरु मत्स्येन्द्र नाथ के बाद सबसे प्रभावशाली गुरु हुए है | गोरखपुर शहर का नाम गुरु गोरखनाथ के नाम पर ही है | गोरखपुर में गोरखनाथ जी का समाधि स्थल है जहाँ पूरे विश्वभर से नाथ सम्प्रदाय के लोग और गुरु गोरखनाथ के भक्त उनकी समाधि पर माथा टेकने आते है |
Gan ke kiye
ReplyDeleteGurugorkhnath shid sabar mantra book Leni h 7073522824
ReplyDeleteLokoni seva karva mate
ReplyDeleteMai inka chela bnnachathu
ReplyDelete6377028692
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